Benefits Of Cumin Seeds:जीरा मसाले के तौर पर तो रोजाना ही महिलाएं उपयोग करती हैं, मगर जीरा आयुर्वेदिक गुणों भी भरपूर है। जीरा की तासीर ठंडी होती है गर्मी में जीरा का सेवन अवश्य ही करना चाहिए। अगर हम माउथ फ्रेशनर की बात करें तो जीरा एक बहुत अच्छा उपाय है। जीरा दो प्रकार का होता है एक काला जीरा जो रंग में गहरा काला होता है एक थोड़ा भूरा होता है। दोनों ही अपने आयुर्वेदिक गुणों के लिए मशहूर हैं।
महिलाएं जानें जीरा के 5 अनोखे फायदे
1. पाचन शक्ति बढ़ाने वाला
जीरा में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो पाचन शक्ति को बढ़ाने का कार्य करते हैं, पेट में होने वाली अग्नि को संतुलित करते हैं एवं पाचन क्रिया को सुचारू रूप से सहयोग करते हैं। पेट में होने वाली अपच कब्ज जीरा के द्वारा ठीक हो जाती है, इसलिए भोजन में हमेशा जीरा का उपयोग किया जाता। खाने के बाद भुना हुआ जीरा खाने से भोजन शरीर को लगता है एवं आसानी से पच जाता है। भोजन के बाद दही में भुना हुआ जीरा मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है बच्चों को अपच हो जाने पर जीरे को भूनकर पीसकर पानी के साथ घोलकर दिन में दो-तीन बार पिलाने से लाभ होता है।
2. गर्भावस्था में लाभ
गर्भावस्था में होने वाली परेशानियां जैसे- उल्टियां, चक्कर ,कमजोरी लगना, जी मचलना जैसी समस्याओं में जीरे का सेवन करने से आराम मिलता है। गर्भावस्था में यह सलाह दी जाती है कि जीरे को थोड़ा सेक कर उसका पाउडर बनाकर रख लेना चाहिए, आपको गर्भावस्था के दौरान उल्टियां आदि की शिकायत है तो आपको जीरे का पाउडर जीरे का पानी जरूर उपयोग करके देखना चाहिए। गर्भाशय में होने वाली सूजन मैं भी जीरे का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
3. मासिक धर्म
महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान जीरे का उपयोग करना चाहिए। पीरियड के दौरान होने वाली कमर दर्द पीठ दर्द ऐंठन आदि में जीरा बहुत फायदेमंद साबित होता है इसलिए मासिक धर्म के दौरान जीरा पानी का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए।
4. मोटापा
अचानक से वजन बढ़ना महिलाओं के लिए बहुत बड़ी परेशानी साबित होता है। जिस पर वे अपनी व्यस्त जिंदगी के कारण ध्यान नहीं दे पाती। जीरे का पानी, जीरे का चूर्ण जीरे का ज्यादातर उपयोग करना शुरू कीजिए। जीरे में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो मेटाबॉलिज्म बढ़ा देते हैं जिससे वजन संतुलित हो जाता है।
5. ब्रेस्टफीडिंग
नई माँ को जीरे का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। इससे उनके शरीर में दूध की कमी नहीं होती, नवजात शिशु जो अपनी मां पर ही निर्भर है,अपने भोजन के लिए, इसलिए माता को अपना विशेष ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि मां अगर स्वस्थ रहेगी तभी तो बच्चे का अच्छे से पालन पोषण कर पायेगी।